आखिरकार वही हुआ जिसका अंदाजा था. बीच समंदर डाकुओं पर नेवी के MARCOS कमांडोज टूट पड़े और सोमालिया तट पर अगवा जहाज से 15 भारतीयों को बचा लिया. 15 भारतीयों सहित सभी चालक दल को सुरक्षित बचा लिया गया है. इसके पहले बताया गया था कि भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई अगवा किए गए जहाज एमवी लीला नोरफोक के पास सोमालिया तट के पास पहुंच गया. इसके साथ ही युद्धपोत ने अपना हेलीकॉप्टर लॉन्च किया और समुद्री डाकुओं को जहाज को छोड़ने की चेतावनी दे दी. वहीं यह भी बताया गया कि मरीन कमांडो मार्कोस ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. कमांडोज ने पहुंचते ही अगवा हुई जहाज की ऊपरी डेक को साफ कर दिया. भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो द्वारा इसे साफ किया गया. इस पूरे अभियान पर भारतीय नौसेना मुख्यालय कड़ी नजर रख रहा.
इंडियन नेवी की जबरदस्त कार्रवाई
असल में इससे पहले सैन्य अधिकारियों ने एएनआई से कहा है कि युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से भारतीय नौसेना के विशिष्ट समुद्री कमांडो अगवा किए गए जहाज एमवी लीला पर चढ़ गए और अब वहां अभियान चलाने जा रहे हैं. उत्तरी अरब सागर में एमवी लीला नोरफोक के अपहरण के बाद भारतीय नौसेना ने यह कार्रवाई शुरू की. उधर एमवी को समुद्री गश्ती विमान, प्रीडेटर एमक्यू9बी और इंटीग्रल का उपयोग करके निरंतर निगरानी में रखा गया था. भारतीय नौसेना के कमांडोज ने जहाज पर जाकर कार्रवाई शुरू की. लगभग 3.15 दोपहर बाद कार्रवाई शुरू हुई.
इस जहाज का अरब सागर में सोमालिया तट के पास अपहरण किया गया था. तट के पास अगवा किए गए इस जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा है. भारतीय नौसेना के विमान जहाज पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. जहाज पर भारतीय क्रू मेंबर हैं उनके साथ भी कम्युनिकेशन स्थापित कर लिया गया. हाईजैक किए गए जहाज के चालक दल में 15 इंडियन मेंबर्स भी शामिल हैं.
जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ
वहीं इससे पहले अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि जहाज को सोमालिया से 300 समुद्री मील पूर्व में समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था, जब यह ब्राजील के पोर्ट डू एको से रवाना होकर बहरीन में खलीफा बिन सलमान के लिए जा रहा था. भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि गुरुवार शाम लगभग पांच से छह अज्ञात सशस्त्र कर्मियों द्वारा सवार होने का संकेत मिलने के बाद भारतीय नौसेना सक्रिय हुई. इस जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था. फिर इसी कड़ी में आईएनएस चेन्नई को भेज दिया गया. शुक्रवार सुबह चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जहाज से संपर्क स्थापित किया गया और फिर अगली कार्रवाई शुरू कर दी गई.