नए साल का स्वागत करने के लिए दुनिया भर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। कुछ ऐसे भी देश हैं जो भारत से कुछ घंटे पहले ही 2024 का वेलकम कर रहे हैं। सबसे पहले भारतीय समय के मुताबिक 31 दिसंबर की शाम 4:30 बजे न्यूजीलैंड में नए साल मना। इसके 2 घंटे बाद ऑस्ट्रेलिया में न्यू ईयर सेलिब्रेशन शुरू हुआ।
घड़ी का कांटा जैसे ही 12 के पार गया ऑकलैंड का स्काई टावर आतिशबाजी से रोशन हो गया। इसी तरह का नजारा सिडनी के हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाउस के पास देखने को मिला।
ऑकलैंड के स्काई टॉवर पर 10 सेकेंड के काउंट डाउन के बाद आतिशबाजी शुरू हुई। यह 5 मिनट चली। इसके लिए 6 महीने से तैयारी की जा रही थी। यहां खराब मौसम की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि भारी बारिश के अलर्ट के बीच लोगों ने न्यू ईयर सेलिब्रेट किया। वहीं, हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाउस के पास 12 मिनट चली आतिशबाजी के दौरान 8.5 टन के पटाखे जलाए गए। इसकी प्लानिंग करने में 15 महीने का समय लगा। यहां 10 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठे हुए।
31 दिसंबर को घड़ी में रात के 12 बजते ही, पूरी दुनिया नए साल का स्वागत करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 1 जनवरी को ही साल की शुरुआत क्यों होती है? इसकी वजह रोम साम्राज्य के तानाशाह जूलियस सीजर को माना जाता है।
सीजर ने भ्रष्टाचारी नेताओं को सबक सिखाने के लिए 2066 साल पहले कैलेंडर में बदलाव किए थे। इसके बाद से पूरी दुनिया ने 1 जनवरी को नया साल मनाना शुरू कर दिया।