नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी (PVV) के इस्लाम-विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने आम चुनाव में जीत हासिल कर ली है। वो देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। BBC ने बताया कि एग्जिट पोल के मुताबिक वाइल्डर्स की पार्टी को 37 सीटों पर जीत मिली है। गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा कि PVV को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, हम शासन जरूर करेंगे।
BBC के मुताबिक, नीदरलैंड में सरकार बनाने के लिए गीर्ट को गठबंधन की जरूरत होगी। इसमें शामिल होने के लिए उन्हें दूसरी पार्टियों को मनाना पड़ेगा। नीदरलैंड्स की संसद में 150 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए PVV को 76 सांसदों का समर्थन चाहिए।
नूपुर शर्मा के पैगंबर विरोधी बयान पर तारीफ की थी
धुर दक्षिणपंथी पॉलिसी की वजह से चुनाव से पहले नीदरलैंड की 3 बड़ी पार्टियों ने सरकार बनाने के लिए गीर्ट का साथ देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, अब उनका ये फैसला बदल सकता है। गीर्ट वाइल्डर्स उन चंद लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए नूपुर शर्मा के बयान पर उनका बचाव किया था।
वाइल्डर्स ने कहा था कि नुपुर को पैगंबर मोहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए कभी माफी नहीं मांगनी चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट कर नुपुर के बयान का पुरजोर समर्थन किया था। गीर्ट ने नूपुर को हीरो बताया था। गीर्ट ने आगे कहा था- नूपुर शर्मा पर दुनिया को गर्व होना चाहिए। उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए। भारत एक हिंदू देश है और भारत सरकार को इस्लामी नफरत के खिलाफ हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए।
वाइल्डर्स ने कहा था- भारत सरकार के नेतृत्व में तरक्की करेगा कश्मीर
इसके अलावा वाइल्डर्स ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर भी भारत सरकार का समर्थन किया था। वाइल्डर्स ने कहा था- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जबकि पाकिस्तान में आतंक का राज है। आर्टिकल 370 को हटाना सही फैसला है और दुनिया को इसका समर्थन करना चाहिए। ये भारत का आंतरिक मसला है। हमें कश्मीर के घर वापसी पर स्वागत करना चाहिए। भारत के नेतृत्व में वहां के लोगों का बेहतर विकास होगा।
पॉलिटिको के मुताबिक, गीर्ट की जीत का यूरोप की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा। वाइल्डर्स यूरोपियन यूनियन से भी नीदरलैंड को हटाना चाहते हैं। नीदरलैंड्स के चुनावों में शरणार्थी एक अहम मुद्दा थे। वाइल्डर्स ने चुनाव कैंपेन के दौरान ये स्पष्ट कर दिया था कि वो शरण मांगने वाले प्रवासियों को देश में नहीं आने देंगे।
पिछले साल नीदरलैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 2.20 लाख तक पहुंच गई थी। रूस-यूक्रेन जंग इसकी एक बड़ी वजह थी। वाइल्डर्स की इस्लाम विरोधी बयानबाजी PVV के चुनावी अभियान का हिस्सा रही है।