तारीख 14 अक्टूबर 2023, समय- सुबह 11 बजे। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं मर चुकी हूं, लेकिन मेरी सांसें चल रही हैं।
गाजा में रहने वाली तसनीम इस्माइल आहेल सिर्फ 19 साल की हैं, इतनी सी उम्र में वो 5 जंग देख चुकी हैं। उसने वॉट्सऐप पर ये ऑडियो मैसेज न्यूयॉर्क टाइम्स को भेजा है। तसनीम ने 2 हफ्तों तक गाजा में जो कुछ भी हो रहा था उसे रोज ऑडियो मैसेज में रिकॉर्ड करके साझा किया है। उसने बताया कि कैसे उसके घर के आसपास का इलाका और उसका शहर इजराइली हमलों से बदल गया।
गाजा में रहने वाले बहुत से फिलिस्तीनियों के लिए वॉट्सऐप और दूसरी सोशल मीडिया साइट्स ही वो जरिया है जिससे वो अपने हालात दुनिया को दिखा सकते हैं। तसनीम के ऑडियो मैसेज ये बताते हैं कि कैसे जंग ने उसकी जिंदगी पर असर डाला है।
तसनीम ने जंग के बीच अपनी बहन मलक के जन्मदिन, अपने एक दोस्त की मौत और बमबारी के बीच पनाह के लिए एक शेल्टर ढूंढने की पूरी कहानी बयां की है…
14 अक्टूबर के अपने मैसेज में तसनीम ने कहा-
”मैं अपनी पुरानी जिंदगी को बहुत याद करती हूं। मुझे बहुता साफ-सुथरा रहना पसंद था, लेकिन अब यहां ऐसा नहीं हो सकता। मेरी लाइफ में सब नॉर्मल था। मैं वैसे ही रहना चाहती हूं। मैं आम दिनों की तरह नहाकर तैयार होना चाहती हूं, लेकिन यहां सब खराब होता जा रहा है। अब ये सहा नहीं जाता।”
इसके बाद तसनीम ने अगले मैसेज रात करीब 9 बजे भेजे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि तसनीम के कई मैसेज एक साथ होते थे। ये कभी 16 तो कभी 24 ऑडियोज की फाइल होती थी। कभी-कभी सिर्फ 5 ही मैसेज आते थे। दरअसल, ये फाइल्स नेटवर्क कमजोर होने की वजह से देरी से पहुंचती थीं। इजराइल ने गाजा में बिजली की सप्लाई बंद कर दी है। इसकी वजह से भी कम्युनिकेशन पर काफी असर पड़ा है।
”रात के करीब 9:30 बज रहे हैं। यहां सिर्फ मैं, मेरी कजिन रीमा और छोटी बहन युमना है। बाकी सब सो रहे हैं। हम उनकी रक्षा के लिए जाग रहे हैं। आज जागने के लिए हमारी शिफ्ट है। हम बहुत ज्यादा थक चुके हैं। सिर्फ थोड़ी देर सोना चाहते हैं, लेकिन ये मुमकिन नहीं। हम सो नहीं सकते क्योंकि हमें नहीं पता कि अगली बमबारी कब, कहां और कैसे होगी। इसलिए मैं ये मैसेज रिकॉर्ड कर रही हूं। हो सकता है कि ये मेरा आखिरी मैसेज हो और ये भी मुमकिन है कि मैं दोबारा ऐसे मैसेज भेज पाऊं।”