देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। गुरुवार 26 अक्टूबर को न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को 30 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जरूरत होगी। साथ ही इसके लिए चुनाव आयोग को तैयारी के लिए डेढ़ साल का वक्त चाहिए होगा।
एक EVM में एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलट यूनिट और एक मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) यूनिट शामिल होती है।
सूत्रों ने ये भी बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को 30 लाख कंट्रोल यूनिट्स, करीब 43 लाख बैलट यूनिट्स और करीब 32 लाख VVPAT की जरूरत होगी। इसमें उन चीजों को रिजर्व में रखना भी शामिल है, जिससे खराबी आने पर यूनिट को बदला जा सके।
अभी 35 लाख वोटिंग यूनिट्स की कमी
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने ये भी बताया कि अभी 35 लाख वोटिंग यूनिट्स की कमी है, जिसमें कंट्रोल, बैलट और VVPAT यूनिट्स शामिल हैं।
तब अलग-अलग EVM में वोट देना होगा
एक देश-एक चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने कुछ महीने पहले लॉ कमीशन से बात की थी। साथ ही EVM को रखने के लिए पर्याप्त वेयरहाउसिंग फैसिलिटी देने की बात भी की थी।
अगर लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ होते हैं तो लोगों को दो अलग-अलग EVM (एक लोकसभा कैंडिडेट के लिए, दूसरी विधानसभा कैंडिडेट के लिए) में वोट डालना होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में 12.50 लाख बूथ बनाए गए थे।