हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के निगुलसरी में बीती रात पूरा पहाड़ सड़क पर गिर गया। इसके बाद हिमाचल का ट्राइबल जिला किन्नौर पूरी तरह से देश-दुनिया से कट गया है। निगुलसरी में बीती रात 11:30 बजे पूरा पहाड़ हाईवे पर आ गया। इससे भारत-तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाला चंडीगढ़-शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 पूरी तरह बंद हो गया है।
निगुलसरी में 150 से 200 मीटर सड़क का नामो निशां तक मिट गया है। इससे हाईवे के जल्दी बहाल होने की भी उम्मीद नहीं बची। हालांकि यहां बुधवार रात और गुरुवार को दोपहर के वक्त भी यहां लैंडस्लाइड हुआ था। आज सड़क बहाल होने का दावा किया जा रहा था। इस बीच बीती रात में तीसरी बार लैंडस्लाइड हुआ। इसके बाद अब किन्नौर जिला कई दिनों के लिए अलग-थलग पड़ गया है।
सेब से लदे ट्रक सड़क किनारे फंसे
हाईवे पर अब दोनों और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी सेब बागवानों को हो रही है। किन्नौर जिले के निचले इलाकों में सेब की फसल तैयार हो गई है। ऐसे में सड़क बहाल नहीं होने तक बागवानों को सेब सड़ने का डर सताने लगा है। स्थानीय प्रशासन और PWD महकमा सड़क की बहाली में जुट गया है।
लैंडस्लाइड के लिए पावर प्रोजेक्ट को दोषी मान रहे लोग
किन्नौर के स्थानीय लोग बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड के लिए पावर प्रोजेक्ट को दोषी ठहरा रहे हैं। जिस जगह बीती रात में लैंडस्लाइड हुआ है, उसके नीचे भी NJPC के नाथपा झाखड़ी प्रोजेक्ट की टनल बनी हुई है।
मानसून में बार-बार होता रहा लैंडस्लाइड
इस मानसून में रामपुर से किन्नौर के बीच जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं देखने को मिली। झाखड़ी में तो कई दिन तक नेशनल हाईवे भी बंद रहा। अब न्यूगलसरी में पहाड़ी धंसने से यह हादसा हुआ है। इसके बाद हाईवे पर दोनों और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं।