पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक बार फिर दिल्ली मेट्रो की सवारी की। यह सफर पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी का अपना एक अलग अंदाज ही है, जो उन्हें और नेताओं से अलग करता है। वो सियासत के शतरंज में विरोधियों को पस्त करने के हुनर में फिलहाल सबसे आगे दिखते हैं तो कुछ वजहें हैं। शुक्रवार को भी पीएम मोदी का वो अंदाज दिखा जो प्रधानमंत्री को अन्य नेताओं से थोड़ा अलग बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो का सफर किया। इस दौरान उन्होंने युवक-युवतियों से बातचीत की। लेकिन, पीएम ने अपना व्यक्तिगत दलबल छोड़कर मेट्रो का सफर क्यों चुना? आइए समझते हैं…
पीएम मोदी मेट्रो से क्यों पहुंचे डीयू?
डीयू में समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने मेट्रो से यात्रा का अपना अनुभव शेयर किया। पीएम मोदी ने बताया कि ‘जब आप साथियों के साथ यात्रा करते हैं तो कैंपस में आना अधिक आनंददायक हो जाता है। क्योंकि दो दोस्त एक साथ अलग-अलग विषयों पर चर्चा करते हैं। इनकी बातचीत के विषयों में इजरायल से लेकर चंद्रमा तक के विषय होते हैं। कौन सी फिल्म देखी, आपने कौन सी फिल्म देखी, ओटीटी पर वो सीरीज अच्छी है? क्या वह सीरीज ओटीटी पर देखने लायक है? वो वाली रील देखी या नहीं देखी? क्या आपने वह इंस्टाग्राम रील ट्रेंड देखा है? ऐसे ही मुद्दों पर बातचीत करते हैं। इसलिए आज मैंने अपने युवा दोस्तों के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली मेट्रो का सफर किया।‘
पीएम मोदी ने शेयर कीं मेट्रो यात्रा की तस्वीरें
मेट्रो यात्रा की तस्वीरें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम में शामिल होने से पहले भी पीएम ने गुरुवार को ट्वीट कर समारोह में शामिल होने की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कल मैं सुबह 11 बजे दिल्ली के शताब्दी वर्ष समारोह में हिस्सा लूंगा। पीएम मोदी समयपुर बादली स्टेशन की ओर जाने वाली एक येलो लाइन मेट्रो ट्रेन में चढ़ गए और विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन तक गए, जो डीयू कैंपस तक पहुंचने के लिए येलो लाइन का एक निकटतम मेट्रो स्टेशन है। ट्रेन के अंदर पीएम मोदी ने युवाओं और अन्य यात्रियों के साथ बातचीत की तस्वीरें शेयर कीं। उन्होंने तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया कि ‘दिल्ली मेट्रो से डीयू कार्यक्रम के रास्ते में अपने सह-यात्रियों के रूप में युवाओं को पाकर खुश हूं।’
प्रधानमंत्री के बगल में बैठना और उनसे बात करना ‘काफी शानदार अनुभव’ रहा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हममें से कुछ को देश के प्रधानमंत्री के साथ करीबी और व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने का मौका मिला। यह बहुत असाधारण लग रहा था। हमारे विश्वविद्यालय के रास्ते में यात्रा के दौरान उनसे बातचीत करने का भी मौका मिला।’