नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 106 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने पहला सम्मान आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोषी को दिया। उनकी बेटी ने पिता को मिला पद्म विभूषण सम्मान ग्रहण किया। इसके बाद बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिड़ला को व्यापार और उद्योग क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
बिड़ला परिवार में पद्म पुरस्कार पाने वाले कुमार मंगलम चौथे व्यक्ति बन गए हैं। इससे पहले उनकी मां राजश्री बिड़ला को पद्म भूषण, दादा बसंत कुमार बिड़ला को पद्म भूषण और उनके परदादा घनश्याम दास बिड़ला को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पंडवानी गायिका उषा को पद्म श्री से नवाजा गया। उन्होंने सम्मान लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के पैर छूकर सम्मान ग्रहण किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित की जाने वालीं हस्तियां
पद्म पुरस्कार पाने वाले 106 लोगों में 19 महिलाएं भी हैं। 6 लोगों को पद्म विभूषण, 9 को पद्म भूषण और 91 को पद्मश्री दिया गया है। इन पुरस्कारों के नामों का ऐलान 25 जनवरी को किया गया था।
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- 10 अक्टूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ। गणतंत्र दिवस के दिन सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण देने का ऐलान किया। हालांकि मुलायम सिंह के निधन के बाद उनके समर्थकों ने भारत रत्न देने की मांग उठाई थी। मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने। 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे।
- दिलीप महालनाबिस को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1971 की जंग के दौरान ORS के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर हजारों लोगों की जान बचाई थीं। दिलीप ने ही ORS की खोज की थी। इससे दुनियाभर में हर साल 5 करोड़ लोगों की जान बचती है। डॉ. दिलीप बाल रोग विशेषज्ञ थे। उनका अक्टूबर 2022 में कोलकाता में निधन हो गया था।
- इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को पद्म भूषण से नवाजा गया। सुधा अभी इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिखी हैं। 1996 में उन्होंने एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की। ट्रस्ट ने अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2300 से ज्यादा घर बनाए। सेवा कार्यों के लिए 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था।
- उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्म हुआ था। उन्होंने छोटी सी उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। 11 साल की उम्र में जाकिर ने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उनका पहला एलबम ‘लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च हुआ था। तबला बजाने में जाकिर दुनियाभर में बहुत फेमस हैं। उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से व्हाइट हाउस में परफॉर्म करने के लिए आमंत्रित किया था।