गुजरात दंगों पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में ठन गई। छात्रों का कहना था कि वे यह डॉक्यूमेंट्री देखना चाहते हैं, जबकि पुलिस उन्हें देखने नहीं दे रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लिहाजा इसकी स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती।
पुलिस ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के पास धारा 144 लागू है। यहां भीड़ जमा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हंगामे के बाद कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है। एक दिन पहले गुरुवार को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच विवाद हो चुका है।
डॉक्यूमेंट्री के विरोध में कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग
हैदराबाद में SFI ने 400 से अधिक छात्रों को विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई। जवाब में RSS की स्टूडेंट्स विंग और ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी कैंपस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग की। SFI ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से जुड़ी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसके कैप्शन में लिखा कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन हमने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया।
ABVP का आरोप- प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री दिखाने की अनुमति दी
इस मामले में ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कैंपस में BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की अनुमति देने का आरोप लगाया। इसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी मेन गेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमें कैंपस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग करने से रोकने का प्रयास किया।
जब हम फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए जरूरी इक्विपमेंट लेकर कैंपस में दाखिल हो रहे थे, तो सिक्योरिटी गार्ड्स ने हमें रोकने की कोशिश की। जब हमने विरोध किया तो गार्ड्स ने हमारे साथ मारपीट की। समझ नहीं आता जब सरकार ने BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया है तो कैंपस में उसे दिखाने की इजाजत कैसे दी गई।
यूनिवर्सिटी ने छात्रों की काउंसलिंग कराई
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने इस मसले पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए कैंपस में और फिल्मों की स्क्रीनिंग को रोक दिया गया है। कानून व्यवस्था के मुद्दे को देखते हुए डीन-स्टूडेंट्स वेलफेयर ने छात्रों के ग्रुप की काउंसलिंग कराई है। जबकि स्टूडेंट्स का कहना है कि वे अपने तय कार्यक्रमों के अनुसार ही काम करेंगे।
इससे पहले 21 जनवरी को भी स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। छात्रों ने इसके लिए न यूनिवर्सिटी प्रशासन को सूचना दी और न ही इजाजत ली थी। मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने एक्शन लि
स डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 24 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी विवाद हुआ। JNU में छात्र डॉक्यूमेंट्री न देख पाएं इसलिए प्रशासन ने बिजली गुल कर दी और इंटरनेट कनेक्शन भी काट दिया।
इसके बाद भी छात्र नहीं माने और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को मोबाइल पर डाउनलोड करने का क्यूआर कोड शेयर किया। विवाद इतना बढ़ गया कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।