अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर आजकल अपनी दूसरी शादी को लेकर चर्चा में है, लेकिन एक बात जिसकी चर्चा नहीं हो रही है वो है D-कंपनी के बदले तौर-तरीके। कभी फिरौती, जमीन कब्जाने, सेटलमेंट, ड्रग्स और स्मगलिंग के जरिए दहशत फैलाने वाले दाऊद के कारोबार अब बदल गए हैं।
सेंट्रल एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि अब D-कंपनी भारत से दवाओं की स्मगलिंग, मोबाइल फोन चुराने और बिल्डिंग गिराने के ठेके लेने जैसे काम भी कर रही है। हालांकि, ड्रग्स और गोल्ड-सिल्वर स्मगलिंग अब भी उसके मेन बिजनेस हैं। अब दाऊद सफेदपोश कारोबार में भी इन्वेस्टमेंट कर रहा है। NIA की एक चार्जशीट के मुताबिक पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर दाऊद और उसके रिश्तेदार बिना चेक इन, चेक-आउट के ट्रैवल करते हैं।
हालात बदले तो फिरौती और वसूली से दूर हुई D-कंपनी
NIA के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करते हुए भास्कर को बताया कि दाऊद धीरे-धीरे गलत धंधों से खुद को दूर कर रहा है। D-कंपनी का पूरा ऑपरेशन भारत के बाहर से चल रहा है। यही वजह है कि साल 2001 के बाद से मुंबई में कोई गैंगवार नहीं हुई। D-कंपनी के लोग अब जमीन और बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टमेंट, मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से पैसे कमा रहे हैं। गैंग का नकली नोट का बिजनेस भी जारी है।
दाऊद कर रहा कैंसर की दवाओं की स्मगलिंग
NIA सूत्रों के मुताबिक D-कंपनी भारत में बन रही कैंसर की दवाओं की चीन और दूसरे देशों में स्मगलिंग कर रही है। चीन में भारतीय दवाएं बेचने-खरीदने पर बैन है। बीते दिनों एक चीनी व्यक्ति को कैंसर की भारतीय दवा खरीदने के लिए 8 महीने की जेल और 2,000 युआन (30 हजार रुपए) के जुर्माने की सजा मिली थी। ग्वांगडोंग प्रांत में भी दो लोगों को भारतीय दवाओं के साथ गिरफ्तार किया गया। चीन में भारत में बनी कैंसर की कई दवाओं को ‘नकली दवा’ माना जाता है।
‘The New York Times’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कैंसर के एक पेशेंट की दवाओं पर सालाना 35 लाख रुपए तक खर्च होते हैं। ये भारत से 10 गुना ज्यादा है। डी-कंपनी इस जरूरत का फायदा उठा रही है।
मुंबई पुलिस के DCP रैंक के एक अधिकारी ने बताया, ‘चीन में मौजूद ड्रग पर्चेजिंग एजेंट भारत में D-गैंग से जुड़े लोगों के साथ इन दवाओं की स्मगलिंग करते हैं। चीन में अभी हर 10 में से 6 मरीज भारतीय दवा का इस्तेमाल करते हैं।
दिसंबर 2022 में पकड़ी गई थी नकली दवा बनाने की फैक्ट्री
अधिकारी ने यह भी बताया, ‘साल 2018 में एयर इंटेलिजेंस यूनिट (AIU) ने 2018 में खलदून जौदा और तारमानिनी अली नाम के दो सीरियाई नागरिकों को 55 लाख रुपए की कैंसर की दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था। ये दवाएं पहले सीरिया और फिर दूसरे देशों में सप्लाई होने वाली थीं।’
दिसंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने हरियाणा के सोनीपत में कैंसर की दवाएं बनाने के रैकेट का पता लगाया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल CP (क्राइम) आरएस यादव के मुताबिक, ‘इस मामले में एक डॉक्टर समेत 12 लोगों को अरेस्ट किया गया। ये 4 साल से कैंसर की नकली दवाएं चीन, बांग्लादेश और नेपाल सप्लाई कर रहे थे। छापेमारी में 8 करोड़ की दवाएं बरामद की गई थीं। दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में D-कंपनी के शामिल होने का शक जाहिर किया था। गिरफ्तार आरोपियों में एक बांग्लादेश का, जबकि आरोपी डॉक्टर नेपाल का है।’
डिमोलिशन कॉन्ट्रैक्ट से भी पैसे बना रहा दाऊद
सीनियर जर्नलिस्ट विवेक अग्रवाल मुंबई अंडरवर्ल्ड पर 37 साल से नजर रख रहे हैं। वे दाऊद इब्राहिम और अंडरवर्ल्ड पर मुंभाई, मुंभाई रिटर्न, खेल खल्लास समेत 15 से ज्यादा किताबें और ई-बुक लिख चुके हैं। विवेक बताते हैं कि ‘D-कंपनी के लोग प्रॉपर्टीज में ब्लैक मनी इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा एक नया धंधा बिल्डिंग तोड़ने का है। पुरानी इमारतों में बड़ी मात्रा में लोहा, पीतल, कांसा, लकड़ी और दूसरा कीमती सामान होता है।’
दाऊद के लोगों की नजर में मुंबई की पुरानी बिल्डिंग्स हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 48 इमारतों को गिराने का आदेश दिया है। दाऊद के लोग डरा-धमकाकर ये बिल्डिंग गिराने का ठेका हासिल कर रहे हैं। इन्हें गिराने का भी पैसा मिलता है और मैटीरियल भी बाजार में बेचा जाता है।
सफेदपोश बिजनेस से जुड़े दाऊद के लोग
विवेक अग्रवाल भी सेंट्रल जांच एजेंसियों की थ्योरी से सहमत हैं। वे बताते हैं, ‘जांच एजेंसियों के रडार से बाहर रहने के लिए दाऊद सफेदपोश क्राइम कर रहा है। पहले आमने-सामने की गैंगवार हुआ करती थी। D-कंपनी के लोग हफ्ता वसूली के लिए जाते थे। धमकी देकर पैसे वसूलते थे। D-कंपनी का खौफ मुंबई समेत देश के सभी बड़े शहरों में महसूस होता था। अब यह सब खत्म हो चुका है या यह कहिए कि अब इसकी जरूरत नहीं रही।
साल 2015 में जारी फोर्ब्स मैगजीन की लिस्ट के मुताबिक दाऊद के पास कुल 670 करोड़ डॉलर (करीब 43,550 करोड़ रुपए) की संपत्ति थी। इसके बाद नया डेटा नहीं आया। दाऊद दुनिया के टॉप-3 अमीर डॉन की लिस्ट में शामिल है। उसकी तकरीबन 40% इनकम का सोर्स भारत में फैले धंधे हैं। पाकिस्तान, भारत, UAE और UK में उसकी 50 से ज्यादा प्रॉपर्टीज हैं। इनकी कीमत तकरीबन 45 करोड़ डॉलर (3700 करोड़ रुपए) है।
मोबाइल फोन चोरी का रैकेट चला रहे दाऊद के लोग
इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA, रेवेन्यू इंटेलिजेंस, कस्टम, मिलिट्री इंटेलिजेंस, स्टेट इंटेलिजेंस समेत सभी मल्टी इंटेलिजेंस यूनिट की मीटिंग में सामने आया है कि D-कंपनी के लोग भारत से स्मार्टफोन चुराकर पहले बांग्लादेश और नेपाल और फिर पाकिस्तान पहुंचा रहे हैं।
इसके बाद पाकिस्तान में एक IMEI नंबर से 40 से 50 क्लोन फोन बनाते हैं। इनका इस्तेमाल भारत में फिरौती, धमकी देने, फेक करेंसी रैकेट, ड्रग ट्रैफिकिंग और दूसरे टेरर ऑपरेशंस में होता है।
महाराष्ट्र ATS के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2021 में मुंबई के पायधुनी इलाके में D-कंपनी से जुड़ा शख्स पकड़ा गया था। वो जर्मन सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल की क्लोनिंग कर रहा था। गाजियाबाद के लोनी में भी साल 2017 में तस्लीम और जाहिद नाम के दो लोगों को पुलिस ने मोबाइल क्लोनिंग करते पकड़ा था। ये चोरी के फोन की क्लोनिंग कर उन्हें बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान भेज रहे थे। इनके तार भी D-कंपनी से जुड़े थे।