भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक्सटेंशन पर मुहर लग गई। नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है। उन्हें जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष और 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया था। नड्डा का मौजूदा कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा था। अब वे लोकसभा चुनाव तक पार्टी की कमान संभालेंगे।
जेपी नड्डा को एक्सटेंशन देने का ऐलान गृहमंत्री अमित शाह ने किया। वे लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद भाजपा के ऐसे तीसरे नेता बन गए हैं, जिन्हें लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि राजनाथ सिंह भी दो बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल लगातार नहीं था।
जून 2019 में कार्यकारी, जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बने
जेपी नड्डा जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। उनका चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। इससे पहले पूर्व अध्यक्ष अमित शाह को भी 2019 में लोकसभा चुनाव तक विस्तार दिया गया था। नीचे ग्राफिक में भाजपा के गठन से लेकर अब तक बने अध्यक्षों का ब्योरा दिया गया है…
चुनावी साल में संगठन से छेड़छाड़ नहीं करने की रणनीति
देश के 9 राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। इस तरह 10 विधानसभाओं और अगले साल होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए नड्डा को यह एक्सटेंशन दिया गया है।
भाजपा संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं
तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए भी जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा गया है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
जिन 10 विधानसभाओं में चुनाव, वहां लोकसभा की 112 सीटें
नड्डा के एक्सटेंशन की अहम वजह 10 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। 2023 में ही होने वाले ये चुनाव लोकसभा की करीब 21% सीटें कवर करते हैं। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक फैले इन राज्यों के फैसले से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता के मिजाज की झलक भी मिल सकती है। नीचे दिए ग्राफिक से इनका सियासी गणित समझा जा सकता है..
शाह बोले- नड्डा ने संगठन को निचले स्तर तक मजबूत किया नड्डा को एक्सटेंशन दिए जाने का ऐलान करते हुए अमित शाह ने कहा- नड्डा जी के नेतृत्व में पार्टी ने 120 चुनाव लड़े, जिनमें से 73 में जीत हासिल की। उनके नेतृत्व में पार्टी ने अपनी पैठ बढ़ाई और यश भी बढ़ाया। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और नड्डा जी के संगठनात्मक नेतृत्व में लड़ेगी।
शाह ने कहा- भाजपा ने एक लाख 30 हजार बूथों को मजबूत किया। उत्तर-पूर्व में कई राज्यों में सरकार बनी, लेकिन संगठन का काम रह गया था। नड्डा जी ने संगठन को निचले स्तर तक पहुंचाया। तेलंगाना में भाजपा के लिए अच्छा माहौल बनाया। नड्डा के नेतृत्व में हर घर तक तिरंगा पहुंचाने के अभियान में भाजपा कार्यकर्ताओं ने देशभक्ति की भावना को घर-घर पहुंचाया।
शाम को मोदी के भाषण के साथ खत्म होगी बैठक
दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज आखिरी दिन है। आज बैठक में सामाजिक-आर्थिक प्रस्ताव पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि उनकी नीतियों की वजह से भारत दुनिया की पांच बड़ी इकोनॉमी में शामिल हो गया है।
इसके बाद शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। मोदी की स्पीच को मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके बाद दो दिन की यह मीटिंग खत्म हो जाएगी।
चुनावी राज्यों के संगठन में फेरबदल पर मुहर लग सकती है
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
चुनावी राज्य छोड़ दिल्ली में बैठक के मायने
भाजपा की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। इस बार भी कयास यही थे कि इस अहम बैठक को किसी चुनावी राज्य में आयोजित कर सकती है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी।