अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमने बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बैंक अब राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम कर रहे हैं। बैंकों में फैलाया UPA का रायता हम साफ कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। आज उसी मॉर्गन स्टेनली ने भारत को अपग्रेड किया और हाई रेटिंग दी है। 9 सालों में हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और आर्थिक विकास हुआ। आज, हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।
वित्त मंत्री के भाषण की 5 बड़ी बातें…
1. देश के सभी पब्लिक सेक्टर बैंक अच्छा परफॉर्म कर रहे
वित्त मंत्री ने कहा- UPA के समय बैंकों की हालत बेहद खराब थी, फंसे हुए कर्ज को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे थे। बीते 9 साल में बैंकों की सेहत में सुधार हुआ है और बदले हुए हालात सबके सामने हैं। आज देश के सभी पब्लिक सेक्टर के बैंक मुनाफे में हैं।
पब्लिक सेक्टर बैंक रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। देश का सबसे बड़ा बैंक SBI सबसे प्रॉफिटेबेल बैंक बना है। इसका नेट प्रॉफिट अप्रैल-जून तिमाही में 18,537 करोड़ रुपए रहा है। बैंक आज पिलर ऑफ जनकल्याण बन गए हैं। आज बैंक प्रोफेशनली मैनेज हो रहे हैं।
2. DBT ने दुनिया के लिए उदाहरण स्थापित किया
हमारी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर, यानी DBT स्टोरी ने बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। UPA ने 2013-14 में केवल 7,367 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उस अमाउंट से 2014-15 तक ही DBT ट्रांसफर 5 गुना बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में हमने DBT के माध्यम से 7.16 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।
3. ‘बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं
वित्त मंत्री ने कहा- ‘बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं। आजकल लोग बन गए, मिल गए का उपयोग करते हैं। बिजली आएगी… अब बिजली आ गई, गैस कनेक्शन मिलेगा.. अब गैस कनेक्शन मिल गया, एयरपोर्ट बनेगा… अब एयरपोर्ट बन गया। उन्होंने कहा- परिवर्तन वास्तविक डिलीवरी के माध्यम से आता है, न कि बोले गए शब्दों के माध्यम से।