अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास भी और विरासत भी का सूत्र दिया है, जिसके तहत हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति में प्रेरणा के स्रोत हजारों व्यक्तियों और इतिहास को हमारे युवाओं और योद्धाओं के लिए उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे में श्रीमंत बाजीराव पेशवा ‘प्रथम’ की प्रतिमा का अनावरण किया। बाजीराव पेशवा ने अपने कौशल, रणनीति और वीर साथियों की मदद से कई हारे हुए युद्धों को जीत में परिवर्तित किया। उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानियों को हर जगह ध्वस्त कर वहां स्वतंत्रता का दीप प्रज्जवलित करने का काम बाजीराव पेशवा जी ने किया। पूरे 20 साल के कालखंड में बाजीराव पेशवा जी को घोड़े से नीचे उतरते हुए किसी ने नहीं देखा
अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास भी और विरासत भी का सूत्र दिया है, जिसके तहत हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति में प्रेरणा के स्रोत हजारों व्यक्तियों और इतिहास को हमारे युवाओं और योद्धाओं के लिए उपलब्ध कराना बहुत ज़रूरी है। पुणे की भूमि स्वराज के संस्कार का उद्गम स्थान है। 17वीं शताब्दी में यहीं से स्वराज की आवाज़ उठी थी। अंग्रेज़ों के सामने जब स्वराज के लिए जनता के लड़ने का समय आया तो सबसे पहले आवाज़ लोकमान्य बालगंगाधर तिलक महाराज ने उठाई। वीर सावरकर ने महाराष्ट्र की भूमि से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया कि एक व्यक्ति अपने जीवन में अपने देश के लिए कितना कुछ कर सकता है।
अमित शाह ने कहा कि पेशवा बाजीराव जी की देशभर में कई जगह प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं लेकिन उनका स्मारक बनाने की सबसे उचित जगह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे ही है। भविष्य के भारत की तीनों सेनाओं के सूत्रधार यहां से प्रशिक्षित होकर निकलते हैं। हमारे भविष्य के सैनिक यहां स्थापित बाजीराव पेशवा की प्रतिमा से प्रेरणा लेकर उनकी जीवनी का अभ्यास करते हैं और कई युगों तक भारत की सीमाओं को छूने का साहस कोई नहीं कर सकता।